भारत में हर साल करोड़ों सिक्के बनाए जाते हैं पर क्या आप जानते हैं, इन सिक्कों को बनाने में कितना खर्च होता है?
₹1, ₹2, ₹5 और ₹10 के सिक्के बनाने में उनकी कीमत से ज्यादा खर्च होता है। उदाहरण: ₹1 का सिक्का बनाने में ₹1.11 तक खर्च हो सकता है।
मेटल्स (जैसे- स्टील, कॉपर) की बढ़ती कीमत। मैन्युफैक्चरिंग और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च।
सरकार को हर साल अरबों रुपये का घाटा। इस घाटे से अन्य क्षेत्रों (जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य) पर असर।
बहुत सारे सिक्के इस्तेमाल नहीं होते। बैंक और जनता के बीच सिक्के फंस जाते हैं।
अमेरिका और यूरोप में छोटे मूल्य के सिक्के बंद। डिजिटल पेमेंट से नकद की जरूरत कम हुई।
छोटे मूल्य के सिक्कों का उत्पादन कम करना। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना।
UPI और डिजिटल वॉलेट से कैश की जरूरत घट रही। इससे सिक्कों की मांग भी कम हो रही।
अब तक दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला मोबाइल Iphone नही बल्कि ये हैं !