अलमारी शब्द किस भाषा से आया है । Almari Shabd

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अलमारी शब्द किस भाषा से आया है । Almari Shabd 

जब हम अपने घरों में, स्कूलों में, दफ्तरों में या किसी भी जगह पर एक सामान्य सी चीज़ देखते हैं—”अलमारी”, तो शायद ही हम सोचते हैं कि यह शब्द आया कहां से है। अलमारी तो बस अलमारी है। इसमें कपड़े रखे जाते हैं, किताबें जमाई जाती हैं, कभी-कभी कुछ जरूरी डॉक्युमेंट भी उसमें छुपा दिए जाते हैं, और कभी ये घर के कोने में खामोशी से खड़ी रहती है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि “अलमारी” शब्द किस भाषा से आया है? क्या यह संस्कृत का शब्द है, या फारसी का? या फिर यह पुर्तगाली से चुपके से हमारे बीच आ गया?

अलमारी – क्या यह संस्कृत का शब्द है

कई बार जब हम किसी भी हिंदी शब्द की उत्पत्ति के बारे में सोचते हैं, तो सीधा मन संस्कृत की तरफ दौड़ता है। संस्कृत को हम भारतीय भाषाओं की जननी मानते आए हैं, पर जब हम “अलमारी” को संस्कृत के चश्मे से देखते हैं, तो यह शब्द वहां फिट नहीं बैठता। संस्कृत में भंडार, पेटिका, ग्रंथागार जैसे शब्द तो मिलते हैं, लेकिन “अलमारी” जैसा कुछ नहीं इसलिए यह थोड़ा हैरान करता है क्योंकि अलमारी जैसा रोजमर्रा का शब्द अगर संस्कृत में नहीं है, तो फिर यह आया कहां से?

अलमारी – क्या यह फारसी का शब्द है

भारतीय भाषाओं पर फारसी का असर भी गहरा रहा है। फारसी ने हमें कई शब्द दिए हैं—दरवाजा, कागज, दुकान, आदि तो सवाल ये है की क्या अलमारी भी फारसी से आया होगा? फारसी में “अल” उपसर्ग का चलन जरूर है, लेकिन फारसी में “अलमारी” जैसा कोई मूल शब्द नहीं मिलता। फारसी की तलाश में हमें कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता, जिससे यह पुष्टि हो सके कि अलमारी फारसी की देन है।

अलमारी – क्या यह अरबी का शब्द है

फारसी के साथ-साथ अरबी का भी भारतीय शब्दकोश पर असर रहा है खासतौर से प्रशासनिक और व्यापारिक शब्दावली में। अरबी में “अल” एक बहुत प्रचलित उपसर्ग है, जिसका अर्थ होता है “The” यानी “वह”। अल-खबर, अल-इंडिया, अल-जजीरा जैसे शब्द इसके उदाहरण हैं। तो क्या अलमारी भी अरबी से आया? यह विचार सोचने वाला है, लेकिन अरबी में “अलमारी” जैसा कोई सीधा शब्द मौजूद नहीं है। यह उलझन और गहरी हो जाती है।

अलमारी – क्या यह पुर्तगाली का शब्द है

इस पूरे भाषाई भ्रम में सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आता है, जब हम पुर्तगाली भाषा को खंगालते हैं। पुर्तगाली में एक शब्द है—”armário”। इस शब्द का अर्थ है एक कैबिनेट या अलमारी जो लैटिन के “armarium” से निकला है, जिसका अर्थ है वह स्थान जहां चीज़ें सुरक्षित रखी जाती हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि पुर्तगाली शब्द “armário” में न केवल ध्वनि समानता है, बल्कि अर्थ भी वही है, जो हिंदी में “अलमारी” का है।

तो फिर “अल” कहां से आया?

यह सवाल सोचने वाला है कि पुर्तगाली में “armário” है, तो हिंदी में यह “अलमारी” क्यों बन गया? इसके पीछे एक दिलचस्प तथ्य है भारतीय भाषाओं में अरबी-फारसी प्रभाव के चलते “अल” एक परिचित उपसर्ग बन चुका था, जिसे किसी भी विदेशी शब्द से पहले जोड़ देने का रिवाज बन गया था। इसी तरह, “armário” भारतीय ज़ुबान पर आते-आते “अलमारी” बन गया। यह भाषाई घालमेल भारत जैसे बहुभाषी देश में कोई नई बात नहीं है।

16वीं शताब्दी में जब पुर्तगाली व्यापारी और उपनिवेशवादी भारत के पश्चिमी तटों पर पहुंचे, तो उन्होंने न केवल व्यापार किया, बल्कि अपनी भाषा, अपनी चीज़ें और अपने शब्द भी साथ लाए। गोवा, दीव और दमन में पुर्तगाली संस्कृति और भाषा का गहरा प्रभाव पड़ा। यह वहीं से “armário” शब्द भारत आया और धीरे-धीरे “अलमारी” बन गया।

क्या ये सफर यहीं खत्म है?

शायद नहीं, भाषाई यात्रा कभी सीधी नहीं होती इसलिए यह संभव है कि पुर्तगाली “armário” के साथ-साथ भारतीयों ने इसे अपने हिसाब से ढाल लिया हो। कुछ लोग मानते हैं कि “अलमारी” का एक लोकल संस्करण पहले से मौजूद था—कुछ ऐसा, जिसमें पुरानी तिजोरियों या लकड़ी के भंडारों का जिक्र होता था। यह सिद्धांत हालांकि प्रमाणित नहीं है, लेकिन यह भाषा की उस गूढ़ प्रकृति को जरूर उजागर करता है, जिसमें शब्दों की यात्रा सीधी रेखा में नहीं, बल्कि पेचीदा गलियों से होकर गुजरती है।

अलमारी न केवल एक शब्द है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक वस्तु भी है जो यह हमें बताती है कि कैसे एक साधारण सी उपयोगी चीज़, जिसे आज हम फर्नीचर का हिस्सा मानते हैं, एक समय में विदेशी प्रभाव का प्रतीक थी। आज गोदरेज से लेकर स्थानीय बढ़ई तक, हर कोई अलमारी बना रहा है, लेकिन शायद ही किसी को एहसास होता है कि यह नाम एक विदेशी समुद्री यात्रा की देन है।

भाषाई उलझनें की आखिर अलमारी शब्द की भाषा से आया 

भाषा का इतिहास किसी रहस्य कथा से कम नहीं होता। “अलमारी” की इस यात्रा में संस्कृत, फारसी, अरबी, पुर्तगाली, सबकी झलक मिलती है। यह तय करना मुश्किल है कि इसका असली श्रेय किसे दिया जाए। पर एक बात साफ है—भारत की भाषाएं हमेशा से खुली बाहों से बाहरी शब्दों का स्वागत करती आई हैं, और अलमारी इसका शानदार उदाहरण है।

 

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