मास्टर्बेशन करने से कौन सी बीमारी होती है? जाने भयानक सच
मास्टर्बेशन – एक ऐसा शब्द जो सुनते ही लोग असहज हो जाते हैं जबकि कुछ इसे सेहत के लिए ज़रूरी बताते हैं, तो कुछ इसे बीमारी की जड़ मानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह विषय इतना विवादित क्यों है? क्या मास्टर्बेशन सच में खतरनाक है, या यह सिर्फ समाज द्वारा गढ़ी गई एक कहानी है? क्या इससे शारीरिक और मानसिक बीमारियां हो सकती हैं, या यह सब सिर्फ डर फैलाने की एक रणनीति है? इस पोस्ट में हम उन तथ्यों को समझाने की कोशिश करेंगे जो या तो आपको चौंका देंगे या फिर आपको और उलझन में डाल देंगे।
1. क्या मास्टर्बेशन करने से शरीर कमजोर हो जाता है?
आपने यह सुना होगा कि ज्यादा मास्टर्बेशन करने से शरीर की ताकत कम हो जाती है, मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, और व्यक्ति थका-थका महसूस करता है। लेकिन यह सवाल उठता है – आखिर शरीर में कौन सा ऐसा तत्व है जो मास्टर्बेशन करने से खत्म हो जाता है?
कुछ लोग कहते हैं कि स्पर्म में प्रोटीन और जरूरी पोषक तत्व होते हैं, और जब यह शरीर से बाहर निकलता है, तो शरीर कमजोर हो जाता है। लेकिन अगर ऐसा होता, तो फिर महिलाओं का शरीर कैसे मजबूत बना रहता है? क्या महिलाओं में यह तत्व नहीं होता? और अगर पुरुषों के लिए यह सच है, तो फिर वैज्ञानिक इस पर खुलकर चर्चा क्यों नहीं करते? क्या यह सिर्फ एक भ्रम है, या इसके पीछे कोई गहरा राज़ छुपा है?
2. क्या मास्टर्बेशन करने से इनफर्टिलिटी होती है?
कई लोगों को यह डर रहता है कि अगर वे ज्यादा मास्टर्बेशन करेंगे, तो उनके स्पर्म की संख्या कम हो जाएगी और वे भविष्य में पिता नहीं बन पाएंगे। लेकिन विज्ञान कहता है कि शरीर लगातार नए स्पर्म बनाता है।
लेकिन अगर यह सच है, तो फिर कुछ लोग क्यों दावा करते हैं कि उन्हें इनफर्टिलिटी की समस्या हो गई? क्या यह सिर्फ संयोग है, या फिर कुछ ऐसा है जो हमें नहीं बताया जा रहा? क्या शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया किसी सीमा के बाद रुक जाती है, या फिर यह सब सिर्फ दिमाग का खेल है?
3. क्या मास्टर्बेशन मानसिक बीमारियों का कारण बन सकता है?
कुछ लोग कहते हैं कि बार-बार मास्टर्बेशन करने से डिप्रेशन, एंग्जायटी और अपराधबोध महसूस होता है। लेकिन क्या यह वास्तव में शरीर पर असर डालता है, या यह सिर्फ समाज द्वारा बनाए गए नियमों की वजह से होता है?
अगर मास्टर्बेशन से मानसिक समस्या होती है, तो फिर दुनिया के लगभग हर व्यक्ति ने इसे कभी न कभी किया है, तो क्या इसका मतलब यह हुआ कि हर कोई मानसिक रूप से बीमार है? या फिर यह सिर्फ एक मनोवैज्ञानिक ट्रिक है, जो हमें अपराधबोध महसूस कराती है?
4. क्या मास्टर्बेशन इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकता है?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी लिंग का सही से खड़ा न होना। कुछ लोग मानते हैं कि ज्यादा मास्टर्बेशन करने से असली सेक्स में रुचि कम हो जाती है और व्यक्ति सही तरीके से परफॉर्म नहीं कर पाता।
लेकिन फिर सवाल उठता है – अगर मास्टर्बेशन शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया है, तो फिर यह नुकसानदायक कैसे हो सकता है? क्या यह सिर्फ उन लोगों के लिए सच है जो पोर्नोग्राफी की लत में फंस चुके हैं? या फिर यह भी एक और मनगढ़ंत कहानी है जो लोगों को डराने के लिए गढ़ी गई है?
5. क्या मास्टर्बेशन से नसों पर असर पड़ता है?
कुछ लोगों का मानना है कि बार-बार मास्टर्बेशन करने से नसें कमजोर हो जाती हैं और शरीर में झुनझुनी जैसी समस्या हो सकती है। कुछ कहते हैं कि इससे रीढ़ की हड्डी में कमजोरी आ जाती है और व्यक्ति का शरीर ढीला-ढाला हो जाता है।
लेकिन सवाल यह है – अगर यह सच है, तो फिर इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण क्यों नहीं मिलता? क्या यह सच में एक समस्या है, या फिर यह सिर्फ पुराने ज़माने की कहानियां हैं, जो आज भी लोगों को भ्रमित कर रही हैं?
6. क्या मास्टर्बेशन से आँखों की रोशनी कम हो जाती है?
यह धारणा सबसे ज्यादा फैली हुई है कि मास्टर्बेशन करने से आँखों की रोशनी कम हो जाती है। कुछ लोगों को लगता है कि अगर वे ज्यादा बार मास्टर्बेशन करेंगे, तो उनकी आंखों के नीचे काले घेरे आ जाएंगे और उनकी दृष्टि धुंधली हो जाएगी।
लेकिन सवाल यह उठता है – क्या वाकई शरीर में कोई ऐसा तंत्र है जो आँखों की रोशनी को मास्टर्बेशन से जोड़ता है? अगर यह सच है, तो फिर विज्ञान इस पर खुलकर चर्चा क्यों नहीं करता? क्या यह सिर्फ एक अंधविश्वास है, या इसके पीछे कोई अनदेखी सच्चाई छुपी है?
7. क्या मास्टर्बेशन टेस्टोस्टेरोन लेवल को कम कर सकता है?
कुछ लोगों का मानना है कि मास्टर्बेशन करने से टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) का स्तर गिर जाता है, जिससे शरीर में कमजोरी और मांसपेशियों पर असर पड़ता है।
लेकिन फिर सवाल उठता है – अगर टेस्टोस्टेरोन सच में इतना जल्दी गिर जाता है, तो फिर कुछ लोग रोज़ाना व्यायाम और अच्छी फिटनेस के साथ इसे कैसे बनाए रखते हैं? क्या टेस्टोस्टेरोन पर असर सिर्फ एक अस्थायी प्रक्रिया है, या फिर यह स्थायी नुकसान का कारण बन सकता है?
8. क्या बार-बार मास्टर्बेशन करने से पेल्विक पेन हो सकता है?
अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा बार मास्टर्बेशन करता है, तो उसे श्रोणि क्षेत्र (पेल्विक एरिया) में हल्का दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है।
लेकिन क्या यह दर्द किसी गंभीर बीमारी का संकेत है, या यह सिर्फ शरीर की प्रतिक्रिया है जो खुद को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है? क्या यह कोई बड़ी समस्या हो सकती है, या यह कुछ समय बाद खुद ही ठीक हो जाती है?
तो आखिर सच क्या है?
यह सवाल सबसे बड़ा है – क्या मास्टर्बेशन से सच में कोई बीमारी होती है, या यह सिर्फ समाज द्वारा फैलाए गए भ्रम हैं? अगर यह सच में हानिकारक होता, तो क्या विज्ञान इसे खुले तौर पर गलत नहीं ठहराता? और अगर यह पूरी तरह से सुरक्षित है, तो फिर इतनी भ्रांतियां क्यों फैलाई गई हैं?
क्या मास्टर्बेशन से जुड़ी बीमारियों का डर हमें किसी बड़े मकसद से फैलाया गया है? या फिर यह सिर्फ अज्ञानता का परिणाम है?
इसका जवाब आपको खुद ढूंढना होगा। क्योंकि इस विषय पर जितना पढ़ेंगे, उतना ही उलझते जाएंगे।
क्योंकि इस तरह की ऐक्टिविटी करना आपकी पसंद पर निर्भर करता है। यह पूरी तरह से एक व्यक्तिगत निर्णय है, जिसमें कोई वैज्ञानिक रूप से सही या गलत उत्तर नहीं है। कुछ लोग इसे सामान्य मानते हैं, तो कुछ इसे गलत समझते हैं। असली सवाल यह है कि क्या यह आपकी जिंदगी पर सकारात्मक या नकारात्मक असर डाल रहा है? जवाब आपको खुद खोजना होगा।